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हिंदी भाषा का मानक शौरसेनी अपभ्रंश से है। यह भाषा उत्तर भारत की प्रमुख भाषा थी और वर्तमान हिंदी का आधार मानी जाती है। इसका उपयोग साहित्यिक और सामाजिक संचार में किया जाता था। Information Booster: 1. शौरसेनी अपभ्रंश मध्य भारत की भाषा थी। 2. हिंदी के प्रारंभिक स्वरूप इसी भाषा से उत्पन्न हुए। 3. इसने खड़ी बोली के विकास में मुख्य भूमिका निभाई। 4. अपभ्रंश और प्राकृत से यह भाषा अधिक विकसित थी। 5. 10वीं-12वीं शताब्दी के बीच इसका प्रभाव रहा। Additional Knowledge: • शौरसेनी अपभ्रंश: मध्यकालीन भारतीय भाषाओं का स्रोत। • अपभ्रंश: मध्यकालीन भारतीय उपभाषा, कई आधुनिक भाषाओं का आधार। • प्राकृत: प्रारंभिक आर्य भाषा जो बौद्ध और जैन साहित्य में पाई जाती है। • पश्चिमी प्राकृत: प्राचीन भारत की क्षेत्रीय भाषा, जो अब विलुप्त है।
देशवासियों में परस्पर .... होना देश की उन्नति के लिए अनिवार्...
भाषा का प्रयोग दो रूपों में किया जा सकता है- एक तो सामान्य ज...
तनाव से संघर्ष यह एक शारीरिक प्रतिक्रिया है जो किसी हानिक...
इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि भारतीय राजनीति मे ___________कम नह...
उपन्यास का मूल अर्थ है, निकट रखी गई वस्तु किंतु आधुनिक युग ...
'अमर' का विलोम______ होगा।
_______ भारत का राष्ट्रीय पशु है।
दिये गए वाक्य मे उचित विकल्प की पूर्ति कीजिये –
धर्म ...
'सीमा तेज़ चलती हैं' वाक्य में________क्रिया विशेषण है।
'कीर्ति' का विलोम_______ होगा।