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संसार में किसी का भी जीवन स्थायी नहीं है। महान् से महान् व्यक्ति और शक्तिशाली प्रतिभाओं का भी अन्त सुनिश्चित है। इस संसार में तन का घमण्ड व्यर्थ है, क्योंकि देहावसान होता ही है। जीवन दो दिन का मेला है जो उजड़ जाता है।धन के वैभव पर इठलाना किस काम का, क्योंकि धन दौलत की शान एक दिन समाप्त हो जाती है।
“पर उपदेश कुशल बहुतेरे” का अर्थ है
' ना सावन सूखे न भादो हरे ' कहावत का अर्थ है ?
'वस्त्र' का पर्यायवाची______ है।
निम्नलिखित प्रत्येक शब्द के लिए उपयुक्त वाक्य का चयन �...
मैं तुम सबको खूब समझता हूँ, तुम सब एक जैसे हो’ के लिए उपयुक्...
निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में दिए गए शब्द में प्रयु�...
निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में दिए गए शब्द के समानार�...
बेइज़्ज़त करने के अर्थ में निम्न में से किस मुहावरे का प्र...
'तनय' किसका पर्यायवाची है?
निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न में पर्यायवाची स्वरूप के ...