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    Question

     (1) आदिलशाही

    राज्‍य में अनेक लब्‍धप्रतिष्‍ठ कवि हुए हैं। (य) इस काल का महत्‍व दक्खिनी हिन्‍दी साहित्‍य में सर्वाधिक है। (र) इब्राहिम आदिलशाह द्वितीय इस काल के एक प्रमुख कवि थे। (ल) आदिलशाही सुल्‍तानों ने स्‍वयं भी काव्‍य-रचना की थी। (व) उनकी रचना ‘नवरस’ हिन्‍दी साहित्‍य की अमूल्‍य निधि है। (6) इसकी भाषा, छंद, अलंकार आदि रीतिकालीन कवियों की याद दिलाते हैं। निम्‍नलिखित प्रश्‍नों में दिए गए अनुच्‍छेदों के पहले और अन्तिम वाक्‍यों को क्रमश: (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इसके मध्‍यवर्ती वाक्‍यों को चार भागों में बाँटकर (य), (र), (ल), (व) की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्‍य व्‍यवस्थित क्रम में नहीं हैं। इन्‍हें ध्‍यान से पढ़कर दिए गए विकल्‍पों में से उचित क्रम चुनिए, जिससे सही अनुच्‍छेद का निर्माण हो।
    A व य र ल Correct Answer Incorrect Answer
    B ल व य र Correct Answer Incorrect Answer
    C य ल र व Correct Answer Incorrect Answer
    D र व ल य Correct Answer Incorrect Answer

    Solution

    आदिलशाही राज्‍य में अनेक लब्‍धप्रतिष्‍ठ कवि हुए हैं। इस काल का महत्‍व दक्खिनी हिन्‍दी साहित्‍य में सर्वाधिक है। आदिलशाही सुल्‍तानों ने स्‍वयं भी काव्‍य-रचना की थी। इब्राहिम आदिलशाह द्वितीय इस काल के एक प्रमुख कवि थे। उनकी रचना ‘नवरस’ हिन्‍दी साहित्‍य की अमूल्‍य निधि है। इसकी भाषा, छंद, अलंकार आदि रीतिकालीन कवियों की याद दिलाते हैं।

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