Question

निर्देश 1- 10 निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए – नागरिकता का तात्पर्य वोट देने, कर चुकाने, न्यायसभा में निर्णय करने तथा उन अन्याय कर्तव्यों को पूरा करने से कहीं अधिक है, जिनकी अपेक्षा कोई राष्ट्र अपने सदस्यों से करता है। ठीक-ठीक समझने पर इसके अन्तर्गत मनुष्य के वे सम्पूर्ण क्रिया-कलाप समाविष्ट हो जाते हैं, जिनका सम्बन्ध उसके साथी नागरिकों से है तथा जिनका प्रभाव राज्य के स्वास्थ्य एवं कल्याण पर पड़ता है। प्रकारांतर से इस भावना का विस्तार अपने पड़ोसी के प्रति कर्तव्य-निर्वाह तक माना जा सकता है। इसमें कानून द्वारा विदित सभी बातें तो अन्तर्निहित हैं ही, साथ ही कुछ ऐसे कर्तव्य भी समाविष्ट हैं; जिनके विषय में कानून चुप है और जिन्हें व्यक्ति के विवेक पर छोड़ दिया गया है। यह भावना निष्क्रिय नहीं है। इसका अभिप्राय अभद्र आचरण से निवृत्ति मात्र नहीं है, यह एक सक्रिय भावना है। सार्बजनिक कर्त्तव्यों से दूर रहने वाले मनुष्य को हम शांतिप्रिय नहीं, बल्कि निकम्मा मनुष्य समझते हैं। सार्वजनिक जीवन में शक्ति और ऊर्जा की स्थिति निर्मित होती है समय चूकने वाला मनुष्य तथा शत्रु का साथ देने वाला मनुष्य, दोनों ही अपने कर्तव्यों का अतिक्रमण करते हैं। आदर्श राज्य वही हैं जहाँ प्रत्येक नागरिक अपने समुदाय का अंग बने रहने के लिए कृत-संकल्प हो, जो राज्य का भार कम करना चाहता हो, जो अपने स्वार्थ के सामने राज्य के स्वार्थ को वरीयता देता हो तथा आवश्यकता होने पर जो अपनी आकांक्षाओं, सुविधाओं, समय और धन को भी त्याग देने के लिए उद्यत रहता हो। ऐसा मनुष्य उस मशीन की भाँती कार्यशील रहता है, जिसका कोई पुर्जा न तो व्यर्थ होता है और न अक्षम, न तो घिसा-पिटा होता है और न टूटा-फूटा, अथवा अनुपयुक्त। ऐसी मशीन की एक-एक 'पुली' तथा 'दाँता उसका सारा भार धारण करते हैं तथा मशीन के वेगपूर्ण सुचारु संचालन में पूरा योग देते हैं जो मनुष्य अपना कर चुकाने में टालमटोल करता हो, वह तो घटिया नागरिक है ही, उसी प्रकार वह मनुष्य भी घटिया नागरिक है जो लोकसभा के लिए मतदान करते समय केवल अपने व्यक्तिगत स्वार्थ का ध्यान रखता है अथवा जो उदासीनता या आलस्य के कारण मतदान ही नहीं करता। उसी प्रकार वह घटिया नियोजक़ है जो अपने कर्मचारियों के प्रति व्यवहार करते समय न केवल नैतिक कानून का उल्लंघन करता है, बल्कि देश की सामाजिक समस्याओं को भी बढ़ाता है। इसी श्रेणी में 'काला बाजार' के मुनाफाखोर, व्यापारी लोग तथा उनके अनुयायी भी सम्मिलित होंगे। इसी श्रेणी में वे श्रमिक-कारीगर सम्मिलित होंगे जो वैयक्तिगत स्वार्थों के लिए ऐसे संमय हड़ताल आयोजित करते हैं, जब उनके देश का अस्तित्व दाँव पर लगा हो।

लेखक के अनुसार देश का अस्तित्व कब दाँव पर लग जाता है –

A वैयक्तिगत स्वार्थों के लिए हड़ताल आयोजित करने से Correct Answer Incorrect Answer
B उदासीनता या आलस्य के कारण मतदान न करने से Correct Answer Incorrect Answer
C राज्य की अपेक्षा अपने स्वार्थ को वरीयता देने से Correct Answer Incorrect Answer
D नैतिक कानून का उल्लंघन करने से Correct Answer Incorrect Answer
E उपरोक्त सभी Correct Answer Incorrect Answer

Solution

The correct answer is E

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