संबंधबोधक :जो शब्द संंज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ बताते हैं उन्हें संबंधबोधक कहते हैं ।
विस्मयादिबोधक :जो शब्द वक्ता या लेखक के हर्ष , शोक , नफरत , विस्मय , ग्लानी आदि भावो का बोध कराता है उसे विस्मयादिबोधक कहते हैं । इसका चिन्ह (!) होता है। अरे !
क्रिया विशेषण :शब्द जो हमें क्रियाओं की विशेषता का बोध कराते हैं वे शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं। दुसरे शब्दों में कहें तो जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है, उन शब्दों को हम क्रिया विशेषण कहते हैं।
समुच्चयबोधक: जिन शब्दों की वजह से दो या दो से ज्यादा वाक्य , शब्द , या वाक्यांश जुड़ते हैं उन्हें समुच्चयबोधक कहा जाता है । जहाँ पर तब , और , वरना , किन्तु , परन्तु , इसीलिए , बल्कि , ताकि , क्योंकि , या , अथवा , एवं , तथा , अन्यथा आदि शब्द जुड़ते हैं वहाँ पर समुच्चयबोधक होता है। इन समुच्चयबोधक शब्दों को योजक भी कहा जाता है।
निम्नलिखित वाक्यों में से सम्बन्ध कारक वाले वाक्यों को प...
क्ष, त्र और ज्ञ की गणना स्वतन्त्र वर्णों में नहीं होती क्य...
'जिसमें चेतना न' हो वाक्यांश के लिए निम्नलिखित में से कौन स...
दिए गए शब्द के शुद्ध वर्तनी के लिए चार विकल्प दिए गए हैं। उ...
राजभाषा नियम कब पारित हुआ :
निम्नलिखित में से शब्द-युग्म “क्षत्र- क्षत्र” के सही अर्थ ...
निम्नलिखित में से कौन सा सही सुमेलित युग्म नहीं है
नीचे दिए गए वाक्यांशों और अभिव्यक्तियों के युग्मों में स...
निम्नांकित में एक वाक्य जो शुद्ध है, वह है-
दिए गए वाक्य क्रम सही नहीं हैं। उनके सही क्रम के चार विकल्...