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स्वर वर्ण जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से या बिना रुकावट के या बिना अवरोध के किया जाये और जो व्यंजनों के उच्चारण में सहायक हों वे स्वर कहलाते है। हिन्दी वर्णमाला में स्वर संख्या में कुल 13 हैं- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ अं, अः।
दूसरे शब्दों में, व्यंजन उन वर्णों को कहाँ जाता हैं, जिनके उच्चारण में स्वजो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं उन्हें व्यंजन कहते हैं।
वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसका खंड न हो, जैसे-अ, ई, व, च, क इत्यादि । 'पानी' शब्द की दो ध्वनियाँ हैं- 'पा' और 'नी'। इनके भी चार खंड हैं— + आ, न् + ई। इसके बाद इन चार ध्वनियों के टुकड़े नहीं किए जा सकते, इसलिए ये मूल ध्वनियाँ वर्ण या अक्षर हैं।
उत्तर: ध्वनि ऊर्जा का वह एक रूप है जिसके कारण हम सुन पाते हैं। ध्वनि तभी उत्पन्न होती है जब कोई वस्तु कंपन करती है जैसे: सितार के तार का कंपन करना ।
‘निंदा’ का विलोम है-
तद्भव शब्द है __________
'तिरछा' किस प्रकार का विशेषण है?
'दाल-भात में मूसलचंद' लोकोक्ति का आशय है:
आह्वान का 'तद्भव' है-
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