तत्कालीन शिक्षा मंत्रालय द्वारा सन 1966 में परिवर्धित देवनागरी वर्णमाला नामक पुस्तिका प्रकाशित की गई। वर्णमाला के साथ ही हिंदी वर्तनी की विविधता को दूर कर वर्तनी की एकरूपता स्थापित करने का भी तत्कालीन शिक्षा मंत्रालय ने प्रयास किया और हिंदी वर्तनी की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए भाषाविदों के साथ गंभीर विचार -विमर्श के पश्चात 1967 में हिंदी वर्तनी का मानकीकरण नामक पुस्तक का प्रकाशन किया। मानक देवनागरी वर्णमाला, परिवर्धित देवनागरी वर्णमाला और हिंदी वर्तनी का मानकीकरण इन तीनों पुस्तिकाओं के समन्वित रूप को संशोधन और परिवर्धन के साथ केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा सन 1983 में देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी का मानकीकरण नामक पुस्तक का प्रकाशन किया गया।
अनेकार्थक शब्द 'हरि' का इनमें से एक अर्थ है :
इनमें से कौनसा शब्द द्विगु समास का उदाहरण नहीं है ?
निम्नलिखित में से किस लोकोक्ति का अर्थ “अपनों को फायदा पह...
'तीसरा' शब्द में विशेषण है
'मारने को तत्पर होना' अर्थ के लिए सही मुहावरा कौनसा है?
वाक्य के अशुद्ध भाग का चयन कीजिए –
परीक्षा की ( A)/ ...
उल्लंघन में कौन-सा उपसर्ग है ?
कबीरदास की भाषा क्या थी?
'हास' का विलोम शब्द क्या होगा?
प्रश्न में दिए गये शब्द के पर्याय के लिए चार-चार विकल्प दि...