ऐसे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा से पहले लगकर उस संज्ञा शब्द की विशेषण की तरह विशेषता बताते हैं, वे शब्द सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं । यह शब्द सर्वनाम के लिए विशेषण का काम करते हैं। जैसे: मेरी पुस्तक , कोई बालक , किसी का महल , वह लड़का , वह बालक , वह पुस्तक , वह आदमी , वह लडकी आदि।
किसी वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम के गुण, दोष, रंग, रूप, आकार, स्वभाव, समय, स्थान या दशा आदि का बोध करवाने वाले शब्दों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं । गुणवाचक विशेषण का शाब्दिक अर्थ गुण बताने वाला होता है।
जिस वाक्य में संज्ञा के साथ-साथ सर्वनाम की निश्चित या अनिश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध करवाने वाले शब्दों का उपयोग हो उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है ।
जिन विशेषण शब्दों से किसी वस्तु के परिमाण, मात्रा, माप या तोल का पता चले, वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं ।
परिभाषा के अनुसार गुणवाचक विशेषण सबसे उचित विकल्प हैं