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मूर्धन्य व्यंजन ऐसे व्यंजन होते हैं जो जिह्वा द्वारा वर्त्स्य कटक और कठोर तालू के बीच उच्चारित होते हैं। इनमें "ट", "ठ", "ड", "ढ", "र", "ड़" और "ण" शामिल हैं।
बैंकिंग और वित्त पक्ष पर घोषणाएं महत्वपूर्ण हैं।
हिंदी भाषा के शब्द-भंडार के प्रसार के लिए मुख्यतः संस्कृ...
हिंदी शिक्षण योजना की प्राज्ञ परीक्षा के उत्तीर्ण हो�...
भारत सरकार द्वारा 2023-24 के लिए हिंदी के प्रयोग के लिए वार्षि�...
राष्ट्रपति का आदेश 1960 का आधार कौन सा अनुच्छेद है ?
राजभाषा भारती का मुख्यालय कहाँ स्थित है ?
राजभाषा आयोग का गठन किसके द्वारा किया जाता है ?
आम के आम गुठलियों के दाम का अर्थ है -
संबंधित मंत्रालय/विभाग में हिंदी के प्रचार में प्रगति की �...
परिकलन करना के लिए लिए सही पारिभाषिक शब्द है