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1.ह्स्व स्वर (एक मात्रिक स्वर) · 2. दीर्घ स्वर (द्विमात्रिक स्वर) · 3. प्लुत स्वर (त्रिमात्रिक स्वर). ह्रस्व स्वर वे स्वर होते हैं जिन्हें कम समय में उच्चारित किया जाता है. जैसे- अ, इ, उ, ऋ. इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं. दीर्घ स्वर वे स्वर होते हैं जिन्हें बोलने में ह्रस्व स्वरों से ज़्यादा समय लगता है. जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ. प्लुत स्वर वे स्वर होते हैं जिन्हें और भी ज़्यादा समय में उच्चारित किया जाता है. इन्हें त्रैकालिक स्वर भी कहा जाता है. संस्कृत में 'अऽ', 'इऽ' प्लुत स्वर के उदाहरण हैं.
'आधा तीतर आधा बटेर' लोकोक्ति का अर्थ है
वीणापाणि ’ का पर्यायवाची कौन - सा है ?
पुष्प कौन-सा शब्द है ?
चिकनाहट में कौन सा प्रत्यय है।
जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे क्या कहा जाता है।
'अत्याचार' का सही संधि- विच्छेद है:
'मक्खी' शब्द का तत्सम रूप है
निम्नलिखित में से कौन सा सुमेलित युग्म नहीं है
...
सूची 1 को सूची 2 से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दि...
'अज्ञ' का विलोम शब्द है