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जगनिक महोबा के चन्देल राजा परमार्दिदेव (परमाल ११६५-१२०३ई.) के समकालीन जिझौतिया नायक परिवार में जन्मे कवि थे इनका पूरा नाम जगनिक नायक था। इन्होने परमाल के सामंत और सहायक महोबा के आल्हा-ऊदल को नायक मानकर आल्हखण्ड नामक ग्रंथ की रचना की जिसे लोक में 'आल्हा' नाम से प्रसिध्दि मिली।
निम्नलिखित में से किस लेखक को उनके नाटक 'सम्राट 'अशोक' के लि...
राजभाषा अधिनियम, 1963 की किस धारा में राजभाषा के सम्बन्ध में �...
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निम्नलिखित वाक्य प्रयोगों पर विचार कीजिए:
ई-गवर्नेस शासन निम्नलिखित में से किन स्टेकहोल्डरों के बी�...
निम्नलिखित मूल अंग्रेज़ी वाक्य और इसके हिंदी में अनूदित �...
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प्रशासन/विधि के संदर्भ में 'rescind' शब्द का उपयुक्तहिंदी पर्य�...