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कर्मवाच्य क्रिया के उस रूपान्तर को कर्मवाच्य कहते हैं , जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध हो । सरल शब्दों में- क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो , जिसमें केवल सकर्मक क्रिया के वाक्य होते है। उसे कर्मवाच्य कहते हैं। 'सख्त कार्रवाई की जाएगी। ' वाक्य में 'कर्मवाच्य ' है क्योंकि इस वाक्य में 'कार्रवाई ' शब्द पर बल दिया गया है।
अपने पड़ोसी के प्रति कर्तव्य-निर्वाह माना जा सकता है-
रिक्त स्थान की पूर्ति उचित शब्दों द्वारा की�...
'व्यापक विनाश आसन्न दिखाई पड़ता है।' इस वाक्य में 'आसन्न' का �...
'अपनाना' क्रिया किस सर्वनाम से बनी है ?
आधुनिक युद्ध भयंकर व विनाशकारी होते हैं क्योंकि-
कोई राज्य अपने नागरिकों से किन कर्तव्यों की अपेक्षा करता �...
आदर्श नागरिक से लेखक का क्या अभिप्राय है ?
भारतीय सांविधान के किस प्रावधान में निम्नलिखित कथन का उत�...
'तब किसी की आत्मा में ईमानदारी की कल फिट कर देता है।' रे�...
इस गद्यांश का मूल कथ्य क्या है ?